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राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना ने हिंदू राष्ट्र बनाने को लेकर भगवा शौर्य यात्रा निकली

राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना ने हिंदू राष्ट्र बनाने को लेकर भगवा शौर्य यात्रा निकली

राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना ने हिंदू राष्ट्र बनाने को लेकर भगवा शौर्य यात्रा निकली

भगवा शौर्य यात्रा....जानिए किस संगठन ने निकाली क्या है इसका उद्देश्य

उज्जैन में होने वाली भव्य रुद्रवीर शोर्य यात्रा प्रेस विज्ञप्ति

राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना उज्जैन के तत्वावधान मे भव्य एवं विशाल रुद्रवीर शौर्य यात्रा का आव्हान दिनांक 2 मार्च 2025 आयोजक: कृष्णा सिंह चौहान, जिलाध्यक्ष उज्जैन (म.प्र.)

निष्क्रियता और अन्य संगठनों के प्रचार के चलते श्री रुद्रवीर सेना ने पदाधिकारियों पर की बड़ी कार्रवाई, कई अहम पदों से किया निष्कासित! श्री रुद्रवीर सेना ने अपने संगठन के भीतर निष्क्रियता, अन्य संगठनों

महाकुंभ के भगदड़ में मृतक श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि अर्पित की

मध्य प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी का हिन्दू संगठनों ने किया स्वागत

श्री रुद्रवीर सेना के स्तम्भ राष्ट्रीय महामंत्री आदरणीय श्री प्रियंक पाठक जी को जीवन रक्षक सम्मान से सम्मानित किये जाने पर हार्दिक शुभकामनाएँ

उज्जैन के गांव चंदेसरी में गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजरोहन कार्यक्रम आयोजित किया गया।

मुख्यमंत्री मोहन यादव के फैसले का रुद्रवीर सेना ने किया स्वागत

मुख्यमंत्री मोहन यादव के फैसले का रुद्रवीर सेना ने किया स्वागत

महाकुम्भ मे साधु संतो को परेशान करने वाले आसमाजिक तत्वों को रुद्रवीर सेना ने दी चेतावनी-

श्री रुद्रवीर सेना के कार्यकर्ताओं ने मृत गौ माता का अंतिम संस्कार किया

राष्ट्रीय श्री रूद्रवीर सेना द्वारा जिला अध्यक्ष कृष्णा सिंह चौहान के नेतृत्व में कीर समाज धर्मशाला बिलोटीपुरा उज्जैन के नवनियुक्त अध्यक्ष इंजीनियर पृकाश सिंह कीर को कर्मवीर सम्मान से सम्मानित किया 

राष्ट्रीय श्री रूद्रवीर सेना द्वारा जिला अध्यक्ष कृष्णा सिंह चौहान के नेतृत्व में कीर समाज धर्मशाला बिलोटीपुरा उज्जैन के नवनियुक्त अध्यक्ष इंजीनियर पृकाश सिंह कीर को कर्मवीर सम्मान से सम्मानित किया 

मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना के कार्यकर्ताओं ने मृत गौ माता का अंतिम संस्कार किया

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राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना राजस्थान

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राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना पंजाब

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राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना राजस्थान

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राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना मध्यप्रदेश

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राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना राजस्थान

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श्री पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जी की राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना ने कर्मवीर सम्मान से सम्मानित किया

कार्यकर्ताओ के साथ स्नेह भेट

प्रदेश अधिवेशन

स्व. श्री जीतेन्द्र जी राठौड़ (पूर्व जिलाध्यक्ष खरगोन म.प्र.) को श्रद्धांजलि दी गयी

श्री बाबूलाल जी शर्मा जी को शौर्य प्रतिक से सम्मानित किया गया

श्री धर्मेंद्र सेंधव जी की राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना ने कर्मवीर सम्मान से सम्मानित किया

श्री अजय कुशवाह जी की राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना ने कर्मवीर सम्मान से सम्मानित किया

श्री प्रियंक पाठक जी की राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना ने कर्मवीर सम्मान से सम्मानित किया

अंतराष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरुस्कार

“हिन्दव: सोदरा: सर्वे, न हिंदू पतितो भवेत् ।
मम दीक्षा धर्म रक्षा, मम मंत्र समानताः।।”

अर्थात – सब हिंदू भारत माँ की संतान होने से सहोदर हैं।भाई हैं, इसलिए कोई हिंदू अछूत नहीं हो सकता। हमने ‘समानता’ का मंत्र लेकर ‘धर्म रक्षा’ की दीक्षा ली है।

“अकृत्यं नैव कृत्यं स्यात् प्राणत्यागे पि समुपस्थिते।
न च कृत्यं परित्याज्यम् एष धर्मः सनातनः।।”

– सनातन श्लोक

अर्थ- प्राण संकट में होने पर भी करणीय कर्म (धर्मरक्षा) करना चाहिए और करणीय कर्म का त्याग नहीं करना चाहिए, यह सनातन धर्म है।

आहार निद्रा भय मैथुनं च सामान्यमेतत् पशुभिर्नराणाम् ।
धर्मो हि तेषामधिको विशेष: धर्मेण हीनाः पशुभिः समानाः ॥

आहार, निद्रा, भय और मैथुन – ये तो इन्सान और पशु में समान है । इन्सान में विशेष केवल धर्म है, अर्थात् बिना धर्म के लोग पशुतुल्य है ।

राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना (श्री रुद्रवीर महासंघ) का गठन ८ अक्टूम्बर २०२० राष्ट्रीय मिति आश्विनी 16, शक सवंत् 1941, आश्विनी, शुक्ल दशमी, मगंलवार, विक्रम सवंत् 2076। सौर आश्विनी मास प्रविष्टे 22, तदानुसार अंग्रेजी तारीख 08 अक्टूबर सन् 2019 ई०। सर्यू दक्षिणायन, दक्षिण गोल, शरद ऋतु को मा.अनिल अग्रवाल एवं मा. वैभव त्रिवेदी द्वारा महांकाल की नगरी उज्जैन मध्यप्रदेश में किया था। देश मेंचल रहे भारतीय संस्कृति एवं राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को देखते हुए श्री रुद्रवीर सेना का गठन किया गया था जिसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रवादियों को जाग्रत कर उन्हे आत्मरक्षा एवं भारतीय धर्मग्रंथो दोनो की शिक्षा में निपूर्ण करना है। राष्ट्रवादियों का सनैनीयकरण की भावना लेकर हुआ। श्री रुद्रवीर सेना भारत का पहला संगठन है जिसने सभी राष्ट्रवादियों को एक मचं पर ला कर एक छत्र एक विधान की पहल की राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना अपने एक मूल मत्रं "राष्ट्र, धर्म और संस्कृति" को लेकर आगे बढ़ने हेतु सकंल्प बद्ध है।

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गठन एवं उद्देश्य

राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना का विस्तारिक परिचय

राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना का गठन 8 अक्टूबर 2020 को भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म, राष्ट्रवाद एवं राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ संघर्ष हेतु किया गया था। यह संगठन भारतीय समाज को एकजुट करने और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से प्रेरित है। रुद्रवीर सेना का मुख्य उद्देश्य एक सशक्त राष्ट्र निर्माण करना है, जिसमें भारतीय संस्कृति और राष्ट्रवाद को प्राथमिकता दी जाए।

"राष्ट्र प्रथम, धर्म सर्वोपरि, समाज समरस" – इसी सिद्धांत को आधार बनाकर राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना का गठन किया गया है। यह संगठन न केवल भारत की सनातन संस्कृति और राष्ट्रवादी चेतना का प्रतीक है, बल्कि यह एक ऐसा आंदोलन है जो राष्ट्रवाद, समाज उत्थान और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के लिए निरंतर कार्य कर रहा है।

रुद्रवीर सेना केवल एक संगठन नहीं, बल्कि एक विचारधारा है—एक ऐसी विचारधारा जो भारत के प्राचीन गौरव, वैदिक परंपराओं और राष्ट्रभक्ति को पुनर्स्थापित करने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रही है। यह संगठन उन सभी राष्ट्रवादियों और सनातन धर्म के रक्षकों का समुच्चय है, जो न केवल समाज को संगठित करना चाहते हैं, बल्कि उसे आत्मनिर्भर, जागरूक और स्वाभिमानी बनाना चाहते हैं।

इस संगठन की स्थापना का मूल उद्देश्य सनातन धर्म, संस्कृति और राष्ट्र की रक्षा करना है। जब-जब सनातन समाज पर संकट आया है, तब-तब इस समाज ने अपने रुद्रस्वरूप को प्रकट किया है। रुद्रवीर उसी शक्ति, शौर्य और संकल्प का प्रतीक है, जो धर्म और सत्य की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहता है।

रुद्रवीर सेना अपने अनुशासन, संगठन शक्ति और राष्ट्रनिष्ठा के लिए जानी जाती है। यह वीरों की भूमि भारत को उसके वास्तविक स्वरूप में पुनः प्रतिष्ठित करने के लिए समाज के हर वर्ग को जागरूक कर रही है। संगठन की कार्यशैली अनुशासन, समर्पण और निष्ठा पर आधारित है, जिसका उद्देश्य समाज के प्रत्येक नागरिक को राष्ट्र निर्माण और सनातन संस्कृति की रक्षा में सहभागी बनाना है।

हमारा मानना है कि समाज की वास्तविक शक्ति उसका एकजुट होना है। जब तक राष्ट्रवादी समाज संगठित और जागरूक नहीं होगा, तब तक हमारी संस्कृति और परंपराओं की रक्षा संभव नहीं है। इसी उद्देश्य से रुद्रवीर सेना कार्य कर रही है—युवाओं को जागरूक कर उन्हें समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार करना, सनातन संस्कृति की रक्षा करना और राष्ट्रवादी गौरव को पुनः स्थापित करना।

रुद्रवीर सेना हर उस व्यक्ति का स्वागत करती है, जो राष्ट्र और धर्म की रक्षा के इस पवित्र अभियान में सहभागी बनना चाहता है। यह एक ऐसा संगठन है जहाँ हर राष्ट्रभक्त, हर धर्मरक्षक और हर सनातनी को समान अवसर मिलता है कि वह अपनी ऊर्जा, ज्ञान और साहस को समाज व देश की सेवा में समर्पित कर सके।

 "राष्ट्र सर्वोपरि – जय श्री रुद्रवीर!" 

संगठन का उद्देश्य 

राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना का प्रमुख उद्देश्य सनातनी विचारधारा को दृढ़ और मजबूत बनाना है। इसके तहत संगठन का मुख्य कार्य भारतीय संस्कृति की रक्षा करना, राष्ट्रवादी एवं सनातनी विचारधारा को प्रोत्साहित करना और राष्ट्रविरोधी ताकतों के खिलाफ जन जागरूकता फैलाना है। संगठन का मानना है कि आज के समय में जब भारतीय समाज पर कई तरह के आंतरिक और बाहरी हमले हो रहे हैं, तब सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के महत्व को समझना और उसे संरक्षित रखना अत्यंत आवश्यक हो गया है।

इस संगठन का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य है सनातनी राष्ट्रवादियों को धर्मशास्त्र (वैदिक ग्रंथों, उपनिषदों, भगवद गीता आदि) और शस्त्रास्त्र (सैन्य प्रशिक्षण और आत्मरक्षा के लिए आवश्यक शस्त्रों की जानकारी) की शिक्षा देना। यह शिक्षा उन्हें अपनी संस्कृति और धर्म के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ व्यक्तिगत और सामाजिक सुरक्षा के लिए सक्षम बनाएगी।

संघर्ष राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ

रुद्रवीर सेना अपने समर्पित कार्यों के माध्यम से राष्ट्रविरोधी तत्वों, जो समाज में आतंकवाद, कट्टरवाद, और सामाजिक विघटन के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ संघर्ष कर रही है। यह संगठन ऐसे तत्वों को बेनकाब करने और समाज में शांति तथा राष्ट्रीय एकता स्थापित करने के लिए समर्पित है।

समाज में जागरूकता फैलाना

संगठन समाज में शांति, एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। इसके अंतर्गत वह विभिन्न क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करता है, जिसमें राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सद्भाव, और सनातन धर्म की परंपराओं की रक्षा की बात की जाती है।

साथ ही, संगठन समाज के प्रत्येक वर्ग को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है, ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को समझे और एक सशक्त राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनें। राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना का यह उद्देश्य न केवल सनातन धर्म की रक्षा करना है, बल्कि यह भारतीय राष्ट्रवाद को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करना भी है। यह संगठन भारतीय समाज में एकजुटता, धर्म, संस्कृति और राष्ट्र के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। रुद्रवीर सेना का यह सफर एक सशक्त, जागरूक और राष्ट्रवादी समाज की ओर बढ़ते हुए भारतीय संस्कृति की विजय सुनिश्चित करेगा।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी

मा. अनिल अग्रवाल – संस्थापक

मा. अजय गौर – संस्थापक

मा. रघुवंश उपाध्याय – राष्ट्रीय अध्यक्ष

मा. वैभव त्रिवेदी – राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

मा. राजकुमार सिंह – राष्ट्रीय महासचिव

मा. बलवंत खन्ना – राष्ट्रीय संगठन मंत्री

प्रियंक पाठक – राष्ट्रीय महामंत्री

श्रीमती श्रद्धा – राष्ट्रीय सचिव एवं प्रबंधक

 

 

संगठन की आवश्यकता एवं दिशा

 

  • राष्ट्रभक्त युवाशक्ति को संगठित कर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को रोकना।

  • समाज में धार्मिक व सांस्कृतिक जागरूकता लाना।

  • महिलाओं की सुरक्षा हेतु नारीशक्ति प्रकोष्ठ का गठन।

  • सनातनी परंपराओं को पुनः जाग्रत करना।

  • राष्ट्रवादी समाज की संरचना करना।

 

प्रमुख उद्देश्य

  • राष्ट्रवादी एवं सनातनी धर्म व धर्मशास्त्र की रक्षा।

  • गो हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना।

  • जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू कराना।

  • शिक्षा के मंदिरों (मंदिर, आश्रम) को शक्ति केंद्र के रूप में विकसित करना।

  • महिलाओं की आत्मरक्षा हेतु शस्त्र प्रशिक्षण।

  • युवाओं को रोजगार एवं आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित करना।

  • देश विरोधी नियम-कानूनों को समाप्त करना।

  • भारत के प्रत्येक कानून को सर्वोत्तम बनाना।

  • भ्रष्टाचार और अपराध को जड़ से समाप्त करना।

  • भारत में रामराज्य की स्थापना करना।

  • विदेशी घुसपैठ और अवैध आप्रवासन पर पूर्ण रोक लगाना।

  • सनातन संस्कृति को विश्वभर में प्रचारित करना।

  • राष्ट्रवादी शिक्षा प्रणाली लागू करना।

  • प्रत्येक भारतीय को आत्मरक्षा हेतु प्रशिक्षित करना।

  • भारतीय संविधान में भारतीय संस्कृति और मूल्यों को सर्वोपरि रखना।

  • अश्लील एवं अनैतिक सामग्री के प्रसार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना।

  • भारतीय शिक्षा पद्धति में नैतिक एवं सनातनी मूल्यों को अनिवार्य बनाना।

 

कार्ययोजना

  • युवाओं को प्रशासनिक सेवाओं एवं सेना में जाने हेतु प्रेरित करना।

  • आत्मरक्षा एवं साहस प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाना।

  • राष्ट्राभिमानी राजनेताओं का निर्माण करना।

  • विभिन्न सामाजिक और धार्मिक प्रकोष्ठों का गठन।

  • धर्मांतरण विरोधी जागरूकता अभियान चलाना।

  • गौ-रक्षा एवं संरक्षण हेतु सक्रिय प्रयास करना।

  • शिक्षा प्रणाली में वैदिक और सनातनी मूल्यों का समावेश करना।

  • समाज में राष्ट्रवादी चेतना को जाग्रत करने के लिए सभाओं एवं सम्मेलनों का आयोजन करना।

  • बॉलीवुड एवं अन्य अश्लीलता फैलाने वाले माध्यमों पर कठोर नियंत्रण।

 

एक छत्र, एक विधान

संगठन 'एक छत्र, एक विधान' की नीति पर कार्य करता है, जिसमें निम्नलिखित बिंदु सम्मिलित किए गए हैं:

  • एक देश, एक शिक्षा बोर्ड

  • एक देश, एक पाठ्यक्रम

  • एक देश, एक दंड संहिता

  • एक देश, एक कर संहिता

  • एक देश, एक शिक्षा संहिता

  • एक देश, एक न्याय संहिता

  • एक देश, एक पुलिस संहिता

  • एक देश, एक नागरिक संहिता

  • एक देश, एक जनसंख्या संहिता

  • एक देश, एक प्रशासनिक संहिता

  • एक देश, एक मतदाता संहिता

  • एक देश, एक स्वास्थ्य संहिता

  • एक देश, एक धार्मिक स्वतंत्रता संहिता

 

भविष्य की योजनाएँ

  • सभी राष्ट्रवादी संगठनों के साथ मिलकर 'राष्ट्रीय सनातनी बोर्ड' का गठन।

  • प्रत्येक मंगलवार मंदिरों में सामूहिक महाआरती का आयोजन।

  • युवाओं को स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम।

  • गौ रक्षा केंद्रों की स्थापना।

  • आयुर्वेद चिकित्सा एवं योग प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना।

  • भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने के लिए राष्ट्रव्यापी प्रयास।

  • सनातनी ग्रंथों के अध्ययन हेतु विशेष संस्थानों की स्थापना।

  • संस्कृत को पुनर्जीवित कर राष्ट्रभाषा के रूप में प्रचारित करना।

  • सनातनी संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन।

  • राम मंदिर और अन्य सनातनी तीर्थस्थलों के विकास हेतु विशेष योजनाएँ।

 

राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना की सरकार से मुख्य मांगें

1. संवैधानिक एवं विधिक सुधार

  • हिंदी को संविधान में राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता दी जाए एवं इसके अनुपालन हेतु आवश्यक संवैधानिक संशोधन किए जाएं।

  • सभी न्यायालयों (Supreme Court, High Court, Lower Courts) एवं शासकीय दस्तावेजों को अनिवार्य रूप से हिंदी भाषा में तैयार किया जाए, जिससे आम नागरिकों को न्याय और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुविधा मिल सके।

  • समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code - UCC) को लागू किया जाए, जिससे सभी नागरिकों को समान अधिकार एवं कर्तव्य प्राप्त हों (अनुच्छेद 44)।

  • 1958 के प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्वीय स्थल संरक्षण अधिनियम (AMASR Act) में संशोधन कर विदेशी आक्रांताओं की कब्रों एवं स्मारकों को हटाया जाए।

  • वक्फ अधिनियम एवं भारतीय चर्च अधिनियम 1927 की समीक्षा कर, अवैध रूप से अधिग्रहित भूमि को तुरंत सरकार अपने अधिकार में लेकर उसे राष्ट्रहित में उपयोग करे।

2. धार्मिक स्वतंत्रता एवं संस्कृति संरक्षण

  • ईशनिंदा कानून को अधिक कठोर बनाया जाए, जिससे किसी भी धर्म, संप्रदाय, देवी-देवता या धार्मिक प्रतीकों के प्रति असम्मानजनक कृत्यों पर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित हो।

  • धर्मांतरण संबंधी कठोर कानून बनाया जाए, जिसमें जबरन, धोखाधड़ी अथवा प्रलोभन के आधार पर धर्मांतरण करने वालों के विरुद्ध कड़ी दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान हो।

  • सभी धार्मिक संस्थानों, विशेष रूप से मंदिरों, को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए और उनकी प्रशासनिक व्यवस्था संबंधित धर्मावलंबियों को सौंपी जाए।

  • गौ माता को राष्ट्रीय पशु घोषित कर गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए, तथा दोषियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। साथ ही, गौ पालन को प्रोत्साहित करने के लिए एक समर्पित कानून बनाया जाए, जिसमें गौ पालकों को न्यूनतम ₹5000 प्रतिमाह सहयोग राशि प्रदान करने का प्रावधान हो। गौशालाओं को सरकारी अनुदान दिया जाए, डेयरी उद्योग में सुधार किया जाए, और जैविक कृषि में गोवंश के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु विशेष नीतियाँ लागू की जाएं।

  • भारत के ऐतिहासिक मंदिरों का पुनरुद्धार किया जाए, जिससे उनकी सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्ता पुनर्स्थापित हो।

  • भोजशाला क्षेत्र में अवैध निर्माण हटाकर मूल मंदिर हिंदू समाज को सौंपा जाए, एवं प्रदेश के प्रमुख तीर्थ स्थलों के 5 किलोमीटर के दायरे में गैर-हिंदू व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाए।

3. राष्ट्रीय सुरक्षा एवं विधि-व्यवस्था

  • इस्लामिक आतंकवाद पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए, तथा मस्जिदों एवं मदरसों में हो रही राष्ट्रविरोधी गतिविधियों की गहन जांच कर कठोर कार्रवाई की जाए।

  • जो भी तत्व धार्मिक एवं राष्ट्रीय आयोजनों पर हमले करते हैं, उन्हें सभी सरकारी योजनाओं से वंचित किया जाए एवं उनके आधार और वोटर आईडी को स्थायी रूप से निरस्त किया जाए। इसके लिए कठोर कानून बनाया जाए।

  • आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त दोषियों को शीघ्र न्यायिक प्रक्रिया द्वारा मृत्युदंड दिया जाए, जिससे राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ किया जा सके।

  • विदेशी धर्म प्रचारकों एवं राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त व्यक्तियों पर कठोर कार्रवाई कर, उनके संगठनों को देशविरोधी गतिविधियों से रोका जाए।

  • अवैध रूप से निर्मित मजारों, मस्जिदों एवं अन्य धार्मिक संरचनाओं को विधिसम्मत प्रक्रिया द्वारा हटाया जाए, जिससे भूमि उपयोग के नियमों का पालन हो सके।

4. शिक्षा एवं सांस्कृतिक नीति

  • भारत के गौरवशाली इतिहास को शैक्षणिक पाठ्यक्रम का अनिवार्य अंग बनाया जाए। मुगल एवं ईसाई आक्रमणकारियों के इतिहास को हटाकर भारतीय नायकों का गौरवपूर्ण इतिहास और भारतीय संस्कृति, भाषा, चिकित्सा पद्धति, विज्ञान, शास्त्रों, पुराणों व उपनिषदों को प्राथमिकता दी जाए।

  • भारतीय शिक्षा प्रणाली में सनातनी मूल्यों को अनिवार्य किया जाए, जिससे विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति एवं नैतिकता से जोड़ा जा सके।

  • अश्लील, समाज विरोधी एवं राष्ट्रविरोधी सामग्री (ऑनलाइन व ऑफलाइन) के प्रसार पर कठोर प्रतिबंध लगाया जाए, तथा ऐसे कंटेंट निर्माताओं के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए।

  • बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रशिक्षण दिया जाए, जिसमें अत्यधुनिक कृषि, आयुर्वेद, योग (दैनिक उपयोगी कार्य जैसे कंप्यूटर मिस्त्री, वेल्डिंग, प्लंबर छोटे उद्योग जैसे प्रशिक्षण भी शामिल हो) एवं भारतीय पारंपरिक ज्ञान पर आधारित कौशल विकास कार्यक्रम शामिल हों।

5. आर्थिक सुधार एवं नागरिक अधिकार

  • नैतिक कर प्रणाली में सुधार किया जाए एवं निजी वाहनों को टोल मुक्त किया जाए, जिससे नागरिकों पर अनावश्यक करभार कम हो।

  • धर्म के नाम पर की जाने वाली पशु बलि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए, जिससे क्रूरता रहित समाज की स्थापना हो।

  • ट्रैफिक पुलिस एवं अन्य पुलिस विभागों द्वारा अनावश्यक जुर्माने की वसूली पर रोक लगे एवं चालान प्रक्रिया को पूर्णतः पारदर्शी एवं ऑनलाइन किया जाए, जिससे नागरिकों के अधिकारों का संरक्षण हो।

  • पुलिस विभाग में अत्यधिक कार्यभार को देखते हुए उन्हें साप्ताहिक अवकाश एवं अतिरिक्त सुविधाएं दी जाएं।

  • सेना एवं पुलिस कर्मियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू किए जाएं, जिनमें कृषि एवं अन्य पारंपरिक जीवनयापन के कौशल भी शामिल हों, जिससे सेवानिवृत्ति के बाद वे आत्मनिर्भर बने रहें।

राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना राष्ट्र धर्म, सुरक्षा, और गौरव की रक्षा हेतु कटिबद्ध है।

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राष्ट्रीय अध्यक्ष का संदेश

प्रिय मित्रो,

मैं आपको राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना के अध्यक्ष के रूप में बहुत गौरव और अभिलेखों के साथ साझा करता हूं। 2020 में हमारी स्थापना के बाद, हमारा संगठन एक सरल लेकिन गहन विश्वास से प्रेरित है: हर व्यक्ति, स्थिति अपनी जैसी भी हो, उसे आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त करना चाहिए।

राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना में, हम अद्भुत स्वप्न देखने वाले नहीं हैं; हम भी काम करने वाले हैं। हम अपना सामान ऊपर चढ़ाते हैं और एक बेहतर दुनिया के अपने सपने को स्थिर करने के लिए काफी मेहनत करते हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच प्रदान करने से लेकर स्थिर स्थिरता और सामाजिक न्याय तक, हमारे प्रयास के जीवन में सार्थक बदलाव की गहरी व्यापकता से प्रेरणा है।

लेकिन हम इसे अकेले नहीं कर सकते। हमारी आपकी सफलता जोशी जैसे लोगों की सूची पर आधारित है - ऐसे व्यक्ति जो हमारी संपत्ति और मजबूत भविष्य के लिए हमारे दृष्टिकोण को साझा करते हैं। साथ मिलकर, हम अपने प्रभाव को बढ़ा सकते हैं और स्थिर परिवर्तन ला सकते हैं जो हमारी सीमा से बहुत दूर तक है।

जैसे कि हम भविष्य की ओर देखते हैं, मैं आशा और आशावाद से भरा हुआ हूं। हमारी सामने आने वाली चुनौतियाँ बड़ी हैं, लेकिन आपके पार पाने का हमारा संकल्प भी बहुत बड़ा है। आपके निरंतर समर्थन से, मुझे विश्वास है कि हम एक ऐसी दुनिया का निर्माण कर सकते हैं जहां हर व्यक्ति को फलने-फूलने और फलने-फूलने का अवसर मिलता है।

हमारे उद्देश्य के प्रति आपका अनोखा, अनोखा के लिए धन्यवाद। साथ मिलकर हम बदलाव ला रहे हैं।

नमस्कार,

राष्ट्रीय श्री रुद्रवीर सेना

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